प्रधानमंत्री रोजगार योजना कब और कैसे प्रारंभ हुई? कैसे इसका लाभ ले सकते हैं, कौन से पात्र हैं, इससे योजना का लाभ लेने के लिए कौन सी प्रोसेस करनी है? Pradhanmantri Rojgar Yojana की संपूर्ण जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिलने वाली है. आप शुरू से एंड तक पूरा पढ़ें, यह जानकारी आपको Pradhanmantri Rojgar Yojana लाभ दिलाने में मदद करेगी. तो चलिए जानते हैं.

स्वरोजगार मूलक-मूलक योजनाएँ (Self-Employment Oriented Schemes)
परिचय (Introduction): केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न नीतियों के तहत तथा देशों को औद्योगीकरण की नई दिशा के उद्देश्य से केन्द्रीय एवं राज्यीय स्तर पर सरकारें समय-समय पर विशेष रूप से मध्यम एवं लघु स्तर के उद्यम एवं उसमें कार्यरत उद्यमियों को प्रेरित करने हेतु विभिन्न योजनाओं को लेकर आयी है। इन सरकारी योजनाओं के माध्यम से ही सरकार औद्योगीकरण एवं अन्य सम्बंधित समस्याओं को हल करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रयास कर रही है। व्यवसाय / स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए सरकारों द्वारा विभिन्न प्रकार की वृहद् सरकारी योजनाएँ संचालित की जा रही हैं।
विभिन्न स्वरोजगार मूलक योजनाएँ (Different Self Employment Oriented Schemes) केन्द्र एवं राज्य सरकारों द्वारा शिक्षित एवं अन्य बेरोजगार युवकों के लिए कई प्रकार की योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। उनमें से महत्त्वपूर्ण योजनाएँ निम्नलिखित हैं
- प्रधानमंत्री रोजगार योजना
- स्वर्ण जयन्ती शहरी एवं ग्रामीण रोजगार योजना
- रानी दुर्गावती स्वरोजगार योजना
- दीनदयाल रोजगार योजना
प्रधानमंत्री रोजगार योजना (Pradhanmantri Rojgar Yojana)
शिक्षित बेरोजगार युवाओं को अपना स्वरोजगार स्थापित करने में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शासन द्वारा 15 अगस्त 1993 को महत्त्वकांक्षी योजना घोषित की गई, जो कि 2 अक्टूबर, 1993 से सम्पूर्ण देश में लागू की गयी। इस योजना के अंतर्गत शिक्षित बेरोजगारों को उद्यम स्थापित करने के लिए सहायता पहुँचायी जाती है। यह योजना जिला उद्योग केन्द्र के माध्यम से प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही है।
योजना के अन्तर्गत प्रावधानों / विवरणों में निम्न प्रकार से स्पष्ट किया जा सकता है।
1- Pradhanmantri Rojgar Yojana योजना का शीर्षक
यह योजना शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए ‘ प्रधानमंत्री रोजगार योजना’ (Prime Minister’ s Rozgar Yojna for Educated Unemployed Youth or PMRY) के नाम से जानी गई है।
- योजना के उद्देश्य एवं सहायता के क्षेत्र-
इस योजना के अन्तर्गत युवाओं को लघु इकाइयों स्थापित करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान किए जाने का प्रावधान है। लघु इकाइयों के अन्तर्गत औद्योगिक इकाइयाँ / सेवा इकाइयाँ अथवा लघु व्यवसाय स्थापित किये जा सकते हैं। प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अन्तर्गत ऐसी सभी योजनाओं हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जा सकती है जिनमें लाभ अर्जन की क्षमता हो।
उदाहरणार्थ, सभी प्रकार के उद्योग जैसे पोलीथीन थैली निर्माण, फर्नीचर, निर्माण, दाल उत्पादन, मसाला निर्माण आदि। सभी प्रकार के व्यवसाय / दुकानदारी कार्य, जैसे-कपड़ा, व्यवसाय, किराना, दुकान, मेडिकल स्टोर, आदि। सभी प्रकार के सेवा कार्य, जैसे कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर का विकास, टी.वी. मरम्मत, टेण्ट हाउस आदि। विभिन्न पशुपालन व्यवसाय जैसे भैंस पालन, मुर्गीपालन, मछली पालन, आदि जैसे विभिन्न लाभकारी व्यवसायों हेतु इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय सहयाता प्राप्त की जा सकती है।
2- पात्रता की शर्तें-
Pradhanmantri Rojgar Yojana के अन्तर्गत कोई भी युवक अथवा युवती जो प्राय: निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हों, योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं-
- आवेदक कम से कम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण हो, उच्च शिक्षा प्राप्त युवक भी पात्र होंगे।
- आवेदन की तिथि के समय आवेदक की आयु 18 से 35 वर्ष के बीच होना चाहिये।
- आवेदक के परिवार की समस्त स्त्रोतों से आय 24, 000 ₹ वार्षिक से अधिक नहीं होनी चाहिये।
- शिक्षित बेरोजगार हो, अर्थात् उसका नाम रोजगार कार्यालय में पंजीकृत होना चाहिये।
- आवेदक जिस क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहता हो उसमें कम से कम पिछले तीन वर्षों से निवास कर रहा हो।
- आवेदक ऋण प्रदान करने वाली किसी आवेदक द्वारा पूर्व में केन्द्रीय / राज्य शास् संस्था / बैंक का डिफाल्टर नहीं होना चाहिए।
- अथवा किसी राज्य निगम द्वारा गरीबों को सहायता पहुँचाने से सम्बन्धित हुआ नहीं होना चाहिये। लागू किसी योजना में किसी बैंक अथवा / वित्तीय संस्था से ऋण प्राप्त किया
3- सहायता का स्वरुप
इस योजना के अन्तर्गत दी जाने वाली सहायता के चार पहलू हैं।
- ऋण-इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक युवा पात्र को 1 लाख ₹ तक की योजना हेतु ऋण उपलब्ध जा सकता है। इस योजना की विशेषता यह भी है कि यदि दो युवा पात्र मिलकर कोई उद्योग या व्यवसाय करना चाहे तो उन्हें 2 लाख ₹ तक की आर्थिक सहायता स्वीकृत की जा सकती है.
- मार्जिन मनी इस योजना के अन्तर्गत उद्यमी से मात्र 5% मार्जिन मनी अपेक्षित होती है। उदाहरणार्थ, यदि किसी युवा को 90 हजार ₹ तक का ऋण स्वीकृत हो तो उसे अपनी तरफ से मात्र 4, 500 ₹ मार्जिन मनी लगाना होता है।
- अनुदान-इस योजना के अन्तर्गत वितरित किये गये ऋणों को 15% अनुदान के रूप में उपलब्ध हो सकता है, लेकिन अनुदान की अधिकतम मात्रा प्रति लाभार्थी 7, 500 ₹ तक हो सकती है। इसी प्रकार इकाई की भागीदारी के रूप में प्रारम्भ करने पर भी अनुदान की मात्रा भागीदारों की संख्या पर निर्भर करेगी।
- प्रतिभूति-प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों से किसी प्रकार की प्रतिभूति देने की अपेक्षा नहीं की जाती तथा ऋण से प्राप्त सम्पत्तियाँ ही बैंक के पास बंधक रखना पर्याप्त होता है।
सहायता के पहलू
- ब्याज की दर इस योजना के अन्तर्गत दिये जाने वाले ऋणों से सम्बन्धित ब्याज की दरों का निर्धारण रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा समय-समय पर दिये गए दिशा-निर्देशों के अनुसार होता है।
- योजनान्तर्गत प्रत्येक जिले के लाभान्वित किये जाने वाले युवाओं की संख्या-इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के प्रत्येक जिले में प्रतिवर्ष लाभान्वित किये जाने वाले युवाओं की एक निश्चित संख्या (लक्ष्य) निर्धारित की जाती है। कुल लक्ष्य में से कम-से-कम 22.5 प्रतिशत हितग्राही अनुसूचित जाति / जनजाति वर्ग में से तथा 27% हितग्राही पिछड़े वर्ग में से चयनित किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त इस योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक महिलाओं को भी योजना का लाभ लेने हेतु प्रोत्साहित किया जायेगा।
- निःशुल्क प्रशिक्षण व्यवस्था-इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित किये जाने वाले व्यक्ति अपना उद्योग-व्यवसाय सही रूप से चला सके, इसके लिए यह व्यवस्था की गई है कि ऋण वितरण से पहले प्रत्येक लाभार्थी को अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण प्रदान किया जाये।
दी जाने वाली सहायता
यह प्रशिक्षण ऋण स्वीकृति के पश्चात्, परन्तु ऋण वितरण से पूर्व प्राप्त करना अनिवार्य होता है। प्रायः प्रशिक्षण की अवधि उद्योग के क्षेत्र में जाने वाले लाभार्थियों हेतु 20 दिन एवं व्यवसाय के क्षेत्र में जाने वाले लाभार्थियों हेतु 10 दिन की होती है।
प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण पूर्ण करने के पश्चात्, जिला उद्योग केन्द्र द्वारा नियमानुसार शिष्य वृत्ति भी प्रदान की जाती है। यह प्रशिक्षण निःशुल्क होता है तथा प्रशिक्षण के अन्तर्गत लाभार्थियों को उद्योग / व्यवसाय की स्थापना, संचालन तथा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर जानकारियाँ / मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है।
- ऋण का वितरण-
सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्राप्त कर लेने के उपरान्त लाभार्थियों द्वारा सम्बन्धित बैंक (जिनके द्वारा उनका ऋण स्वीकृत किया गया था) में सम्पर्क किया जाता है तथा बैंक की आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करने के उपरान्त बैंक द्वारा ऋण वितरित कर दिया जाता है।
Pradhanmantri Rojgar Yojana के अन्तर्गत सहायता स्वीकृत करने की प्रक्रिया:
प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अन्तर्गत सहायता प्रदान के लिए निम्न औपचारिकताओं की पूर्ति करना पड़ती है:
- लाभार्थियों से आवेदन पत्र आमंत्रित करना:
योजना का लाभ प्रदान करने हेतु सर्वप्रथम सम्बन्धित जिले के जिला उद्योग केन्द्र द्वारा लाभार्थियों से आवेदन-पत्र आमंत्रित किये जाते हैं। इस सन्दर्भ में स्थानीय अखबारों में विज्ञापन एवं समस्त सम्बन्धित कार्यालयों तथा बैंकों के नोटिस बोर्ड पर भी इस आशय की जानकारी प्रेषित की जाती है, ताकि इस योजना की जानकारी अधिक से अधिक लाभार्थियों को प्राप्त हो सके।
- कार्यदल (टास्क फोर्स) द्वारा आवेदन पत्रों का परीक्षण:
इस योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जिले में एक कार्यदल (टास्क फोर्स) का गठन किया गया है, जिसके अध्यक्ष सम्बन्धित व्यापार एवं जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक होंगे। टास्क फोर्स के अन्य सदस्य होंगे-जिला उद्योग केन्द्र के प्रबंधक (ऋण) , जिले के लीड बैंक के प्रतिनिधि तथा जिले के प्रमुख बैंकों के दो अन्य प्रतिनिधि, जिला रोजगार अधिकारी तथा लघु उद्योग सेवा संस्थान (SISI) के प्रतिनिधि।
सम्बन्धित जिला उद्योग केन्द्र में प्राप्त किए गए आवेदन पत्रों का टास्क फोर्स द्वारा परीक्षण करने के उपरान्त उपयुक्त पाये जाने वाले प्रकरण अनुशंसित कर बैंकों की सम्बन्धित शाखाओं में प्रेषित किये जाते हैं।
- प्रशिक्षण:
बैंकों द्वारा स्वीकृत किए जाने वाले प्रकरणों से सम्बन्धित लाभार्थियों को उद्यमिता विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा, जिसके उपरान्त ही लाभार्थियों को ऋण वितरित किये जा सकेंगे।
4- प्रधानमंत्री रोजगार योजना (PMRY) का लाभ लेने हेतु संलग्न किये जाने वाले प्रपत्र:
आवेदक / आवेदिका द्वारा आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित प्रपत्रों की अभिप्रमाणित (Attested) प्रतियाँ संलग्न करनी होंगी।-
- आयु सम्बन्धी प्रमाण पत्र की प्रति।
- आवेदक / आवेदिका की शैक्षणिक तथा तकनीकी योग्यता (यदि कोई हो तो) से सम्बन्धित प्रमाण पत्र की प्रति।
- Aavedak / आवेदिका के राशनकार्ड की प्रति अथवा ऐसा कोई भी प्रमाण पत्र जो यह दर्शाता हो कि आवेदक / आवेदिका सम्बन्धित क्षेत्र स्थान पर पिछले तीन वर्ष से निवास कर रहा / रही है।
- आवेदक / आवेदिका के प्रस्ताविता उद्योग / सेवा इकाई / व्यवसाय के क्षेत्र में अनुभव सम्बन्धों प्रमाण पत्र की प्रति (यदि कोई हो तो) ।
- परिवार की आय से सम्बन्धित शपथ पत्र जो कि नोटरी द्वारा प्रमाणित / सत्यापित हो।
- प्रस्तावित उद्योग / सेवा इकाई / व्यवसाय की सम्पूर्ण योजना-प्रोजेक्ट प्रोफाइल / रिपोर्ट की प्रति।
- अनुसूचित जाति / जनजाति / पिछड़े वर्ग के आवेदकों के सन्दर्भ में सक्षम अधिकारी द्वारा प्रमाणित जाति प्रमाण पत्र की प्रति।
- उद्यमी / उद्यमियों के दो पासपोर्ट साइज के फोटोग्राफ जो सक्षम अधिकारी द्वारा अभिप्रमाणित (Attested) हों।
- आवेदक / आवेदिका के शिक्षित बेरोजगार के रूप में जिला रोजगार प्रमाण पत्र की प्रति कार्यालय में पंजीयन के वैध
- पार्टनरशिप इकाई होने की स्थिति में ‘पार्टनरशिप डीड’ की प्रति।
- उद्यमी का स्वयं का पता लिखे हुए (Self-Addressed) तीन पोस्टकार्ड।
5- योजना का लाभ लेने हेतु सम्पर्क:
Pradhanmantri Rojgar Yojana का लाभ लेने के इच्छुक लाभार्थी समस्त प्रपत्रों सहित (जिनका विवरण आगे दिया गया है) सम्बन्धित जिले के जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में सम्पर्क कर सकते हैं। ग्रामीण अंचलों के इच्छुक लाभार्थी सम्बन्धित विकासखण्ड कार्यालय में भी सम्पर्क कर सकते हैं।
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